Equity Linked Saving Scheme: टैक्स सेविंग के साथ शानदार रिटर्न, जानिए म्यूचुअल फंड की ये दमदार स्कीम
अगर आप म्यूचुअल फंड की ऐसी स्कीम की तलाश में हैं, जिसमें बेहतर रिटर्न के साथ आपको टैक्स छूट का भी फायदा मिले, तो आप इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स में निवेश कर सकते हैं.
Equity Linked Saving Scheme: टैक्स सेविंग के साथ शानदार रिटर्न, जानिए म्यूचुअल फंड की ये दमदार स्कीम (Zee Biz)
Equity Linked Saving Scheme: टैक्स सेविंग के साथ शानदार रिटर्न, जानिए म्यूचुअल फंड की ये दमदार स्कीम (Zee Biz)
शेयर बाजार में सीधे निवेश की बजाय अगर म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश किया जाए तो मार्केट का जोखिम कम रहता है और बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना काफी ज्यादा होती है. यही वजह है कि पिछले कुछ समय से म्यूचुअल फंड में निवेश काफी तेजी से बढ़ा है. लेकिन म्यूचुअल फंड में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स के दायरे में आता है. टैक्स देनदारी इस बात पर निर्भर करती है कि आपने किस स्कीम में निवेश किया है और कितने समय बाद स्कीम से पैसा निकाला है.
लेकिन अगर आप म्यूचुअल फंड की ऐसी स्कीम की तलाश में हैं, जिसमें बेहतर रिटर्न के साथ आपको टैक्स छूट का भी फायदा मिले, तो आप इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (Equity Linked Saving Scheme-ELSS) में निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम को तमाम लोग टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम भी कहते हैं. इस स्कीम में आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. जानिए ELSS के अन्य फायदे-
तीन साल का लॉक इन पीरियड
ELSS का एक फायदा ये है कि इसका लॉक इन पीरियड काफी कम समय का होता है. आमतौर पर बीमा, एनएससी, टैक्स सेविंग एफडी, पीपीएफ, ईपीएफ जैसी स्कीम्स में लॉक इन पीरियड पांच साल का है, जबकि ELSS में सिर्फ तीन साल का है, यानी तीन साल बाद आप अपना पैसा स्कीम से बाहर निकाल सकते हैं या रिडीम करा सकते हैं.
SIP के जरिए कर सकते हैं निवेश
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स का एक फायदा ये भी है कि आप इसमें चाहें तो पैसा एकमुश्त जमा कर दें या चाहें तो SIP के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. SIP के जरिए आप एक निश्चित रकम, निश्चित अंतराल पर इसमें निवेश करते हैं.
मैच्योरिटी की डेट नहीं
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स में तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है, यानी आप तीन साल तक इसमें से पैसा नहीं निकाल सकते, लेकिन इसका कोई मैच्योरिटी टाइम नहीं होता है. यानी तीन साल बाद आप चाहें तो इसका पैसा निकाल लें, या इस स्कीम में जब तक चाहें, तब तक निवेश को जारी रख सकते हैं.
पसंदीदा स्कीम चुनने का विकल्प
ELSS में आपको अपने पसंद की स्कीम चुनने का मौका मिलता है. कई स्कीम्स ऐसी भी हैं, जिनमें 100 रुपए से भी मासिक निवेश के साथ एसआईपी की शुरुआत की जा सकती है. यानी आप अपने बजट और सुविधा के हिसाब से स्कीम चुन सकते हैं.
टैक्स की छूट
ELSS स्कीम्स से 3 साल बाद बाहर निकलने पर टैक्स की सेविंग होती है. लेकिन, ये पूरी तरह नहीं है. ELSS पर 1 लाख रुपए तक लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स फ्री रहता है. इससे ज्यादा के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. इसके अलावा सेस और सरचार्ज देना होता है. वहीं, निवेशक को मिलने वाला डिविडेंड टैक्स-फ्री रहता है.
09:55 AM IST